जालन्धर : वार्डबंदी का काम अभी भी अधूरा, निगम चुनाव दिसंबर तक टले, आप को कमजोर कर रही अफसराशाही!
जालन्धर अनिल वर्मा




जालन्धर में बीते पांच साल पहले भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई कांग्रेस पार्टी का नगर निगम में अभी परचम लहरा रहा है तथा अफसरशाही भी इस बार आम आदमी पार्टी को निगम चुनावों में कमजोर बनाने के लिए वार्डबंदी के काम को लटका रही है। जिसके चलते इस बार नगर निगम के चुनाव दिसंबर तक टल गए हैं। इस वार्डबंदी में जिस तरह कांग्रेस पार्टी ने बखूबी ग्रांऊडवर्क करके अपने चहेतों को जिताने के लिए वार्डबंदी करवाई थी उसके तर्ज पर आम आदमी पार्टी के विधायक सियासी तर्जुबे की मार झेल रहे हैं यही कारण है कि इस बार निगम में आम आदमी पार्टी का जीतना लगभग मुश्किल नजर आ रहा है। इसकी दूसरी बड़ी वजह यह भी है कि जालन्धर से आम आदमी पार्टी के जीते दोनों विधायकों ने नगर निगम की ओर खास ध्यान केन्द्रित नहीं किया और जनसमस्यों को नजरअंदाज किया।
फिलहाल वार्डबंदी का काम अभी जनसंख्या सर्वे तक ही सीमित है। इस बार जालन्धर कैंट हल्के से नए शामिल हुए इलाकों को भी वार्ड नंबर मिलेगा लिहाजा इस बार 80 वार्डों की जगह 90 वार्ड होने की संभावना है। सियासी कल्चर अनुसार वार्डों में एक्टिव पार्टी के वर्करों को पार्षद बनाने के लिए वार्डबंदी की जाती है तांकि उस वार्ड में वोटर ज्यादा से ज्यादा पार्टी को वोट डालें। मगर इस बार पहली बार पंजाब की सत्ता में आई आम आदमी पार्टी के वर्कर अभी तक ग्राऊंड में नहीं उतरे और न ही जन समस्यों की आवाज उठा रहे हैं लिहाजा तजुर्बेहीन तथा नए उम्मीदवार का वोटर बायकाट कर सकते हैं। जिससे नगर निगम पर परचम लहराना आम आदमी पार्टी के लिए विकट समस्या बना हुआ है।





