मंडी फैंटनगंज के खन्ना भवन की फाईल से आ रही थी “भ्रष्टाचार की बदबू” दो साल तक इस अधिकारी ने दबा कर रखी फाईल, अब चार दुकानदारों को नोटिस जारी, पढ़े पूरा मामला
अनिल वर्मा –मंडी फैंटनगंज के जगराता चौंक में स्थित खन्ना भवन की फाईल तीन साल बाद एक बार फिर खुल गई है। इस बार यह फाईल ईमानदार छवि वाले अधिकारी के हाथ लगी है यह फाईल देखते ही उक्त अधिकारी के होश फाखता हो गए। फाईल में पूर्व बिल्डिंग इंस्पैक्टर हरप्रीत कौर द्वारा 2020 दौरान डैमोलेशन आर्डर तक जारी किए गए थे मगर इस फाईल को पूर्व एटीपी स्तर पर दबा लिया गया था और यहां खंडरनुमा घर में चार अवैध दुकानों को बनवा कर वहां शटर लगवा दिए गए।




पिछले दो साल पहले मंडी फैंटनगंज के जगराता चौंक में स्थित खन्ना भवन में चल रहा अवैध निर्माण खूब चर्चा मेे आया था तब इस खंडर को एक पार्षद, फाईनैंसर और प्राप्टी कारोबारी ने खरीदा और यहां बिना नगर निगम की मंजूरी के ही दुकानों की कंस्ट्रक्शन शुरु करवा दी गई मामले का मीडिया में ट्रायल शुरु हुआ तो बिल्डिंग विभाग हरकत में आया और यहां काम बंद करवाने के लिए तत्कालीन बिल्डिंग इंस्पैकटर हरप्रीत कौर एवं एटीपी रजिंदर शर्मा ने काम बंद करवा कर प्राप्टी मालिक को नोटिस जारी किए थे मगर कोई ज्वाब नही आया और काम बंद हो गया था।
इसके बाद इस मामले में कांग्रेस पार्टी के शरीफ छवि जैसे दिखने वाले नेता की एंट्री हुई इस एंट्री की भी पूरे शहर में चर्चा थी कि अब नेता जी की हिस्सेदारी डाल ली गई है अब नगर निगम कोई कारवाई नहीं करेगा। ठीक वैसा ही देखने को भी मिला जब बिल्डिंग विभाग द्वारा इस बिल्डिंग को डैमोलेशन करने के नोटिस तथा रिपोर्टों वाली अहम फाईल को एटीपी स्तर पर दबा दिया गया और यहां धड़ल्ले से खंडर में चार दुकाने बनवा दी गई और शटर लगाकर दुकानें एक एक करोड़ में बेच दी गई।
हालाकि खन्ना भवन में बनी दुकानों का कोई नक्शा या सीएलयू नहीं करवाया गया मगर 2020 दौरान इस सैक्टर में तैनात रहे एटीपी रजिंदर शर्मा और बिल्डिंग इंस्पैक्टर हरप्रीत कौर की भूमिका भी संदेह के घेरे में है आखिर तीन साल तक इस फाइल को क्यों दबाया गया और सरकार के खजाने को क्यों लूटने दिया गया। मिली जानकारी अनुसार इस मामले में डायरैक्टर लोकल बॉडी को भी एटीपी रजिंदर शर्मा और बिल्डिंग इंस्पैक्टर हरप्रीत कौर की शिकायत कर भूमिका की जांच करने की मांग की गई है। फिलहाल एटीपी सुखदेव वशिष्ट की ओर से खन्ना भवन में खुली सभी चारो दुकानों के मालिकों को नोटिस जारी कर नक्शा आदि पेश करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। नोटिस का ज्वाब न आने पर बिल्डिंग विभाग इन दुकानों को सील करने की कारवाई शुरु कर सकता है।





