चंडीगढ़ पहुंचा अवैध इमारतों के चालानों का घोटाला, डायरैक्टर ने दिए सभी निगम कमिशनरों को यह आदेश
अनिल वर्मा- पंजाब में बन रही अवैध बिल्डिंगों पर नकेल कसने के लिए निकाय विभाग ने बिल्डिंग इंस्पैक्टरों द्वारा काटे जा रहे चालानों को डिजीटल करने तथा विस्तारपूर्वक चालान काटने के आदेश जारी किए हैं। इस सबंधि आरटीआई एक्टिवस्ट प्रबोद बाली ने डायरैक्टर लोकल बॉडी को एक रिपोर्ट भेजी थी जिसमें कहा गया कि पंजाब एंड हरियाणा द्वारा रिट पटिशन नंबर सीडब्लयूपी 8801-2012 में जारी हुए आदेशों का हवाला दिया गया था कि 10 साल बीतने के बाद भी अवैध इमारतों के काटे जा रहे चालानों को डिजीटल नहीं किया जा रहा है




जबकि बिल्डिंग इंस्पैक्टरों द्वारा काटे जाने वाले चालान में बिल्डिंग की ताजा तस्वीर सहित प्राप्टी मालिक का पूरा नाम, पता, मोबाइल नंबर सहित बिल्डिंग कंपाउंडेबल है या नहीं यह भी लिखना जरूरी है मगर बिल्डिंग इंस्पैक्टरों द्वारा ज्यादातर चालान कंस्ट्रक्टर के नाम पर काटे जाते हैं जिनको बाद में प्रोसेस नहीं किया जाता। नगर निगम जालन्धर की बात करें तो यहां 10 हजार से ज्यादा ऐसी बिल्डिंगों के चालान काटे गए जिनको आगे न तो प्रोसेस किया गया और न ही इमारतों के खिलाफ कोई कारवाई की गई।
यहां बिल्डिंग विभाग में तैनात रहे ज्यादातर बिल्डिंग इंस्पैक्टरों के पिछले 6 महीने पहले तबादले कर दिए गए थे जोकि अपना रिकार्ड तक साथ ले गए या खुर्द पुर्द कर दिया। यह घोटाला जालन्धर नगर निगम में तैनात रहे पूर्व कमिशनर दविंदर सिंह ने पकड़ा था जिसमें 10 हजार से ज्यादा अवैध इमारतों के चालानों को खुर्दपुर्द कर दिया गया था उनके तबादले के बाद नए कमिशनर अभिजीत कपिलेश ने इस मामले को दबा दिया। फिलहाल निकाय विभाग के डायरैक्टर ने सभी बिल्डिंगों के चालान काटने को डिजीटल चालान सिस्टम (सीएमएस) के साथ जोड़ने के आदेश दिए हैं पंजाब में अभी तक सिर्फ लुधियाना में इस सिस्टम को लागू किया गया है बाकी अन्य निगमों में यह सिस्टम लागू करने के लिए 30 जनवरी तक का आखिरी समय द





