Punjab Police के निलंबित AIG मालविंदर की बढ़ी मुश्किले; जबरन वसूली, धोखाधड़ी और रिश्वत लेने का मामला दर्ज
चंडीगढ़। पंजाब पुलिस (Punjab Police) के निलंबित सहायक इंस्पेक्टर जनरल (AIG) मालविंदर सिंह सिद्धू की मुश्किलें बढ़ गई है। विजिलेंस ब्यूरो ने मालविंदर सिंह सिद्धू सहित सहित दो पर धोखाधड़ी, ब्लैकमेलिंग, जबरन वसूली और रिश्वत लेने के दोष अधीन मामला दर्ज किया गया है। आरोपितों में खाद्य, सिविल सप्लाई और उपभोक्ता मामले विभाग का ड्राइवर कुलदीप सिंह, पटियाला जिले के गांव आलमपुर के रहने वाले बलबीर सिंह पर मामला दर्ज किया गया है।







जानकारी के मुताबिक सिद्धू के कहने पर दोनों आरोपित सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध शिकायतें देते थे। बाद में ब्लैकमेलिंग और नाजायज लाभ लेकर यह शिकायतें वापस ले लेते थे। विजिलेंस ने इस मामले में बीती 06 अक्टूबर को जांच शुरू की थी। जिसके बाद यह मामला दर्ज किया गया है। जांच के दौरान यह सामने आया कि साल 2017 से मानवाधिकार सेल में बतौर एआइजी के तौर पर सेवा निभा रहे मालविंदर सिंह सिद्धू ने पिछले पांच सालों के दौरान कभी भी विजिलेंस ब्यूरो के अंदर एआइजी और आइजी के पदों पर काम नहीं किया।
अपनी झूठी पहचान बताई थी
इस अधिकारी ने अपनी सरकारी गाड़ी आरटिगा ( पीबी 65 एडी 1905) का दुरुपयोग किया, जबकि तेल और अन्य खर्चे सरकारी खाते में से किये जाते रहे। कभी भी इस वाहन का प्रयोग (लाग बुक) का रिकार्ड नहीं रखा जो सरकारी जायदाद का दुरुपयोग को दर्शाता है। इस के अलावा जांच में ऐसी घटनाओं का पर्दाफाश हुआ जब सिद्धू ने ब्लॉक प्राइमरी शिक्षा अफसर, राजपुरा के दफ्तर में काम करते एक डाटा ऑपरेटर के पास अपने आप को आईजी विजिलेंस ब्यूरो, पंजाब के तौर पर झूठी पहचान बतायी।
झूठ बोलकर कराते थे दस्तखत
सिद्धू ने इस धोखेबाज पहचान का प्रयोग करते हुए एक सरकारी अध्यापक की सर्विस बुक की फोटो कॉपी हासिल की और अपने मोबाइल फोन के साथ उसके शुरुआती पन्नों की फोटो खींच ली। इसी तरह सिद्धू ने सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल घनौर के प्रिंसिपल को लिखित अरजी के अलावा स्कूल की ईमेल आईडी पर उपरोक्त दोषी कुलदीप सिंह के जरिए एक और अरजी भेज कर स्कूल के एक अध्यापक का रिकार्ड प्राप्त किया। स्कूल में से लिए गए इन अध्यापकों के रिकार्ड की पड़ताल करने के लिए वह जिला सामाजिक कल्याण अधिकारी को साथ लेकर स्कूल पहुंचा और प्रिंसिपल से दो पन्नों के प्रोफार्मे पर दस्तखत करवाने की कोशिश की पंरतु प्रिंसिपल ने इस पर दस्तखत करने से इंकार कर दिया।
गैर-कानूनी तरीके से प्राप्त किये पैसे
सिद्धू ने उपरोक्त बलबीर सिंह के जरिए संबंधित अधिकारी की तरफ से एतराज करने के बावजूद गुरुहरसहाय जिला फिरोजपुर में कृषि विभाग के एक ब्लॉक अफसर का निजी रिकॉर्ड हासिल किया। इसके बाद उन्होंने जाली अनुसूचित जाति सर्टिफिकेट रखने के लिए इस अधिकारी के खिलाफ उसके विभाग में शिकायत दर्ज करवा दी। इस शिकायत को वापस लेने के बदले इस अधिकारी से तीन लाख रुपए की मांग की गई, जिसमें से डेढ़ लाख रुपए बलबीर सिंह और मालविंदर सिंह सिद्धू ने गैर-कानूनी तरीके से प्राप्त किये थे।
आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां होगी
इसके बाद इस जांच को पूरा करने के लिए पीड़ित को उसके विभाग से और समय दिलाने के लिए उक्त बलबीर सिंह और मलविंदर सिंह सिद्धू ने दो लाख रुपए की रिश्वत हासिल की। सिद्धू ने अपने आप को विजिलेंस ब्यूरो का एआइजी, आइजी बताते हुए बलबीर सिंह के साथ मिलीभगत करके अनुसूचित जाति और स्वतंत्रता सेनानियों के विभागों में कई व्यक्तियों का रिकार्ड हासिल किया। जिसके साथ बाद उनके विरुद्ध शिकायतें दर्ज करवा के उनको ब्लैकमेल करना और फिर इन शिकायतों को वापस लेने के बदले रिश्वत लेते रहे। मामले की जांच जारी है आने वाले दिनों में ओर गिरफ्तारियां होगी।

