केपी के सियासी कैरियर पर काग्रेस की ब्रेक, अंतिम सूचि में भी लगी निराशा हाथ
अब कैप्टन से उम्मीद, आदमपुर का बदलें कैंडिडेट




अनिल वर्मा
पंजाब में जिस तरह कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को कुर्सी से हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाया गया था तब से लेकर यह क्यास लगाए जा रहे थे कि अब एक बार फिर महिन्द्र सिंह केपी का सियासी कैरियर उदय हो गया है जिसके बाद जनता के काम करवाने के लिए केपी के घर रोज दरबार भी लगना शुरु हो गया था। यही कारण था कि केपी पहले जालन्धर वैस्ट, कैंट, आदमपुर फिर बंगा से काग्रेस की टिकट मांगते रहे मगर अंतिम सूचि में भी केपी का नाम कांग्रेस की लिस्ट में शामिल नहीं हुआ। हालाकि बीते दिनों राहुल गांधी से हुई मुलाकात के बाद केपी के हौंसले एक बार फिर बुलंद हो गए थे कि उन्हे आदमपुर हल्के में एजस्ट किया जाएगा। मगर ऐसा नहीं हुआ।
सियासी सूत्रों अनुसार अब महिन्द्र सिंह केपी दोबारा कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के संपर्क में हैं। वह आदमपुर हल्के से पीएलसी से चुनाव लड़ने के लिए कैप्टन को उम्मीदवार बदलने की पेशकश कर चुके हैं। हालांकि अभी इस बारे में कैप्टन अमरेन्दर सिंह ने कोई पेशकश नहीं की है। वहीं सियासी माहिरों का यह भी कहना है कि अब केपी के सियासी कैरियर पर पूर्ण विराम लग चुका है उन्हे कोई भी पार्टी टिकट नहीं देना चाहती। केपी वैस्ट हल्के से चुनाव लड़ने के लिए भाजपा के भी संपर्क में रहे मगर यहां भी केपी को निराशा ही हाथ लगी।





