सैंट्रल टाउन में कांग्रेसी नेता के दबाव में बनाए जा रहे 6 बड़े अवैध शोरूम, निगम के तीन कमिशनरों की चंडीगढ़ पहुंची शिकायत
अनिल वर्मा-पंजाब सरकार की ओर से नगर निगम जालन्धऱ में व्याप्त भ्रष्टाचार रोकने और विकास कार्य की गति तेज करवाने के लिए कई कमिशनर तैनात किए और कई बदले गए मगर नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार किसी भी निगम कमिशनर से खत्म नहीं हो पाया लिहाजा यहां तैनात अलग अलग विभागों में अधिकारी अपने शातिर दिमाग से हर कमिशनर तथा ज्वाईंट कमिशनर को मात देते आ रहे हैं। यहां बिल्डिंग विभाग की कमान ज्वाईंट कमिशनर शिखा भगत तथा सहायक कमिशनर राजेश खोखर के पास है मगर फिर भी शहर में अवैध बिल्डिंगों और अवैध कालोनियों पर नकेल नहीं कसी जा रही।




इसके पीछे इन दोनों बड़े अधिकारियों का ज्यादातर स्मार्टसिटी की मीटिंग में व्यस्त रहना माना जा रहा है। मामला सैंट्रल टाउन की गली नंबर 12 का है जहां एक कांग्रेसी नेता की शह पर 50 मरले की बड़ी मार्किट बनाई जा रही है जिसका निर्माण पिछले महीने शुरु किया गया यहां ग्राउंड फ्लोर पर पार्टिशन करके 6 बड़े शोरुम बनाने के लिए लैंटर डाला चुका है और कुछेक शोरुम को शटर तक लगा दिए गए हैं। इसके बाद अब इसी जगह ऊपरी मंजिल पर भी शटरिंग करके लैंटर डाल दिया गया हैरानी इस बात है कि बिल्डिंग विभाग के इंस्पैक्टर ने अभी तक इस मामले की रिर्पोट उच्चाधिकारियों को क्यों नहीं की और आखिर इस बड़े अवैध निर्माण के पीछे वाकेय कांग्रेसी नेता ने निगम को दबाव तले रखकर यहां अवैध निर्माण शुरु करवाया।
मिली जानकारी अनुसार इस निर्माण के सामने एजीआई होटल है तथा साथ लगती एक मार्किट है जहां पहले ही कई दुकाने किराए पर है यहां बड़ी कम्पनियों के शोरुम की काफी डिमांड थी जिसके चलते यहां पुरानी खंडर इमारत के पीछे खाली पड़े करीब 50 मरले प्लाट पर यह प्रौजेक्ट लगाया गया। सूत्रों ने बताया कि यह निर्माण मंडी के एक बड़े फाईनैंसर द्वारा किया जा रहा है जोकि पहले भी कांग्रेसी नेता के साथ कई विवादित अवैध निर्माणों में पार्टनर था। बिल्डिंग विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में प्राप्टी मालिक को नोटिस जारी किया जाएगा अगर नक्शा पास नहीं होगा तो पूरे अवैध निर्णाण को डिमोलिश कर दिया जाएगा। वहीं इस मामले में एक शिकायतकर्ता ने चंडीगढ़ तक शिकायत दर्ज करवा दी है जल्द ही इस मामले में निगम प्रशासन को बड़ी कारवाई कर सकता है।





