पंजाब में 300 यूनिट मुफ्त बिजली विवाद गर्माया, सीएम भगवंत मान स्पष्ट की स्थित पढ़े किसे देना होगा बिजली बिल
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300 units of free electricity in Punjab पंजाब सरकार ने 300 यूनिट प्रति महीना मुफ्त बिजली देने की घोषणा की है तब से इस पर राजनीति होने लगी है। विपक्ष ने सरकार को अनुसूचित जाति और जनरल वर्ग में विभाजन करने वाला फैसला बताकर घेर रखा है। बिजली मंत्री हरभजन सिंह ने फ्री बिजली पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि अनुसूचित जाति के एक किलोवाट से कम वाले वर्ग को ही पूरी तरह से तीन सौ यूनिट माफ होंगे और साथ ही यह सुविधा उनके लिए नहीं है जिनका परिवार आयकर भरता है।
बता दें, सरकार ने जब 300 यूनिट निशुल्क बिजली देने का ऐलान किया था तो कहा था कि अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति और स्वतंत्रता संग्रामियों को मिलने वाली 200 यूनिट की सुविधा अब 300 यूनिट होगी। अगर उनकी खपत 300 से ऊपर जाती है तो उन्हें अतिरिक्त यूनिटों का ही बिल देना होगा।वहीं, जनरल वर्ग को भी 300 यूनिट निशुल्क मिलेंगे, लेकिन अगर उनका बिल 301 आया तो फिर उन्हें पूरा बिल अदा करना होगा। विपक्ष के नेताओं जिनमें भाजपा के डा. सुभाष शर्मा हों या अरविंद खन्ना सभी ने सरकार को इस मामले में घेरा है कि क्या जनरल वर्ग ने उन्हें वोट नहीं द
इस दुविधा को स्पष्ट करते हुए बिजली मंत्री ने कहा है कि अनुसूचित जातियों के केवल उन लोगों को ही 300 यूनिट माफ हैं जिनका लोड एक किलोवाट है। बता दें, यह सुविधा अकाली-भाजपा सरकार के समय शुरू की गई थी। तब एक किलोवाट वाले अनुसूचित जाति के लोगों को दो सौ यूनिट माफ थे।बता दें, आम आदमी पार्टी ने चुनाव के समय पंजाब के लोगों के साथ कई वादे किए थे। इन वादों को आप की गारंटी बताया गया। पंजाब की सत्ता संभालते ही सीएम भगवंत मान ने कई अहम घोषणाएं की। राज्य में रिक्त पदों को भरने की हरी झंडी दी। इसके अलावा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए वाट्सएप नंबर जारी किया।
आम आदमी पार्टी की प्रमुख घोषणा 300 यूनिट बिजली माफ करने की थी। मान सरकार ने अपने एक महीने पूरे होने पर इसकी घोषणा की तो राज्य में लोगों को बड़ी राहत मिली। इस घोषणा पर अमल एक जुलाई से होना है, लेकिन मान सरकार की घोषणा के बाद विपक्ष हमवालर हो गया। इस पर राजनीति होने लगी थी।





