रूसी उप विदेश मंत्री ओलेग सिरोमोलोटोव ने अफगानिस्तान के ताजा हालात को लेकर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा है कि आतकी ग्रुप्स अफगानिस्तान में तालिबान शासन को अपनी जीत की तरह से देख रहे हैं। उन्होंने बताया है कि अल कायदा जैसे आतंकी संगठन अफगानिस्तान के ताजा हालात से फायदा उठाना चाहते हैं।
अल-कायदा स्थिति से लाभ उठाने के फिराक में
रूसी सरकारी न्यूज एजेंसी स्पूतनिक से बात करते हुए ओलेग ने कहा है कि तालिबान आंदोलन के सत्ता में आने को अन्य आतंकवादी संगठनों द्वारा कट्टरपंथ के लिए एक निर्विवाद जीत के रूप में देखा जा रहा है। विशेष रूप से अल-कायदा, जो इस स्थिति से लाभ उठाने की योजना बना रहा है। ओलेग ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश अफगानिस्तान के हालात को कमजोर करने में लगे हुए हैं। गलतियों को स्वीकार करने के बजाए वो अपनी हुक्म चलाने में लगे रहे हैं।
तालिबान के लिए बैटिंग कर रही इमरान सरकार
बता दें कि तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा कर लिया था और अशरफ गनी सरकार को उखाड़ फेंका था। अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से देश का बुरा हाल है। अफगानिस्तान आर्थिक, मानवीय और सुरक्षा संकटों से जूझ रहा है। अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर एक बार फिर आतंक का अड्डा बनता जा रहा है।
पकिस्तान की इमरान सरकार जमकर तालिबान सरकार के लिए बैटिंग कर रही है। पाकिस्तान ने लगातार तालिबान का समर्थन किया है। इस्लामाबाद दुनिया के देशों पर भी तालिबान शासन को मान्यता देने और तालिबान को सहयोग और समर्थन करने की अपील कर रहा है।