घरेलू मुद्दों से घिरे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अफगानिस्तान की मदद के लिए मुस्लिम देशों को एकजुट करने की कोशिश की और अपने यहां इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक बुलाई। इमरान खान की इस बैठक से कई सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने दूरी बनाई लेकिन अब खबर यह भी है कि अफगानिस्तान पर बुलाई इस मीटिंग में भी इमरान खान कश्मीर का राग अलापना नहीं भूले। इमरान खान ने ओआईसी की बैठक में कश्मीर मुद्दा उठाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि फलस्तीन और कश्मीर के लोग अपने मानवाधिकारों, लोकतांत्रिक और मानवाधिकारों के बारे में मुस्लिम दुनिया से एक एकीकृत प्रतिक्रिया देखना चाहते हैं।
इमरान ने कहा कि हमें हर फोरम पर उनकी आवाज को उठाना चाहिए और एक संयुक्त कार्रवाई करनी चाहिए। इमरान खान ने कहा कि ओआईसी को दुनिया को इस्लाम की शिक्षाओं और अंतिम पैगंबर हजरत मोहम्मद के लिए हमारे प्यार और स्नेह को समझने में मदद करने के लिए अपनी भूमिका निभानी चाहिए। यह बयान ऐसे समय में आया है जब इमरान खान अपने मुल्क में कई घरेलू समस्याओं से जूझ रहे हैं। एक ओर जहां बढ़ती मुद्रास्फीति से महंगाई आसमान को छू रही हैं। वहीं दूसरी ओर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान जैसे संगठनों के साथ सत्तारूढ़ पीटीआई सरकार की असफल वार्ता ने देश में चरमपंथ में संभावित वृद्धि के बारे में चिंता जताई है।
इस्लामिक सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की परिषद के 17वें असाधारण सत्र का आयोजन इस्लामाबाद के नेशनल असेंबली हॉल में हो रहा है। इसमें 20 विदेश मंत्री और 10 उप विदेश मंत्रियों सहित 57 इस्लामी दूत हिस्सा ले रहे हैं। बैठक का आयोजन पाकिस्तान और अध्यक्षता सऊदी अरब कर रहा है। इस सत्र में हिस्सा लेने वाले प्रतिनिधि अफगानिस्तान में मानवीय स्थिति पर चर्चा करेंगे।