सऊदी अरब सरकार ने सुन्नी इस्लामी अतिवादी संगठन तबलीगी जमात पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने इस संगठन को आतंकवाद के प्रवेश द्वारों में से एक बताया है। सऊदी इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने मस्जिद में उपदेशकों को आदेश दिया है कि वे लोगों को तबलीगी जमात के बारे में आगाह करने के लिए अगले शुक्रवार को बताएं।
सरकार से मस्जिदों से इस संगठन के पथभ्रष्टता, विचलन और खतरे के बारे में बताने को कहा है। कहा गया कि यह आतंकवाद के द्वारों में से एक है। तबलीगी जमात की सबसे प्रमुख गलतियों को बताने को कहा गया है। मंत्रालय ने समाज को इस संगठन से होने वाले खतरे को लेकर बताने को कहा गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक 1926 में भारत में बना तबलीगी जमात एक सुन्नी इस्लामिक मिशनरी आंदोलन है जो मुसलमानों से सुन्नी इस्लाम के शुद्ध रूप में लौटने और धार्मिक रूप से चौकस रहने की अपील करता है। यह संगठन ड्रेसिंग, व्यक्तिगत व्यवहार और अनुष्ठानों की शुद्ध इस्लामी रूप की वकालत करता है।
एक अनुमान के मुताबिक दुनिया भर में तबलीगी जमात के 35-40 करोड़ सदस्य हैं। इनका दावा है कि इनका फोकस एरिया धर्म है और ये राजनीतिक गतिविधियों से बचते हैं। यूनाइटेड स्टेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ पीस ने तबलीगी जमात को एक इस्लामी पुनरुत्थानवादी संगठन के रूप में बताया है। कहा है कि आतंकवाद संबंध में कई बार इस संगठन का नाम सामने आया है।
भारत में पिछले साल लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करने के लिए कोविड महामारी की पहली लहर के दौरान दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र में एक सामूहिक सभा के संगठन के लिए समूह की कड़ी आलोचना की गई थी। प्यू रिसर्च सेंटर की मानें तो तबलीगी जमात पश्चिमी यूरोप, अफ्रीका और दक्षिण एशिया सहित दुनिया भर के लगभग 150 देशों में सक्रिय है। रिपोर्ट्स के मुताबिक दक्षिण एशिया खासकर इंडोनेशिया, मलेशिया, बांग्लादेश, पाकिस्तान और थाईलैंड में जैसे देशों में इस संगठन के सदस्य करोड़ों में हैं।