SARS-CoV-2 RT-PCR टेस्ट के जरिए वैज्ञानिक कोविड-19 के नए वैरीअंट का पता लगा रहे हैं। यह देखा जा रहा है कि क्या यह वैक्सीन के जरिए ठीक हो सकता है या नेचुरल इम्यूनिटी बढ़ाकर इसे ठीक किया जा सकता है? क्या ये बहुत ज्यादा तेजी से फैल सकता है? इन सभी के बीच में अगर आप ओमीक्रोन में मिसिंग S जीन के बारे में नहीं समझ पा रहे हैं, तो आइए इसे समझते हैं।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने कहा है कि S जीन, ओमीक्रोन वैरीअंट में मौजूद नहीं है। उनकी इस रिपोर्ट का टाइटल ‘क्लासिफिकेशन ऑफ ओमीक्रोन’ है। SARS-CoV-2 के विकास (TAG-VE) का पता लगाने के लिए WHO का टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप यह बताते हैं कि RT-PCR में तीन में से एक टारगेट जीन गायब है। यह टेस्ट कोविड के इस वैरीअंट के लिए सबसे बड़ी पहचान बन चुका है।
मिसिंग S जींस की खोजः
साउथ अफ्रीका अपनी एडवांस लैबोरेट्री टेक्निक के जरिए इस म्यूटेशन के बारे में पहले ही बता चुका है। रायटर्स रिपोर्ट के अनुसार नवंबर 2019, में साउथ अफ्रीका का सबसे बड़ा प्राइवेट टेस्टिंग लैब Raquel Viana, ने 8 कोरोनावायरस सैंपल से जींस सीक्वेंस निकाला और वह इस वैरिएंट की लाइफ साइकिल को देखकर बहुत हैरान थे।
सैंपल की टेस्टिंग लैंसेट लैबोरेट्री में हुई। इसमें बहुत म्यूटेशन हो चुका था। वायरस यहां पर एक स्पाइक प्रोटीन का रूप ले लेता है। जिसके जरिए वह ह्यूमन सेल में आसानी से अंदर जा सकता है।
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ओमीक्रोन वैरीअंट के बारे में हम पहले ही पता लगा चुके हैंः
बिजनेस इंसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार जिस समय अफ्रीका में रिसर्च चल रही थी। उसी समय PCR Lab टेस्टिंग के दौरान कुछ आश्चर्यजनक बातें रिपोर्ट की गई थी। टेक्निशियंस कोविड-19 के सैंपल पर लगातार काम कर रहे थे। यह देखा गया कि नए म्युटेंट में S जीन नहीं है। इसका मतलब यह नहीं है कि यह टेस्ट नेगेटिव है। यहां पर दो दूसरे जींस कोविड-19 को बढ़ा रहे हैं।
कोविड-19 को डिटेक्ट करने के लिए सबसे सही RT-PCR
PCR टेस्ट हर तरह के कोविड-19 वायरस को पकड़ता है। ये टेस्ट इस बात को क्लियर नहीं करता कि कौन सा म्युटेंट सैंपल में है। साउथ अफ्रीका में होने वाली जांच में ओमीक्रोन वैरीअंट का डिटेक्शन पीसीआर लैब टेस्ट के एक कॉमन ब्रांड के जरिए हुआ था जिसे थर्मोफिशर टेक पाथ कोविड-19 कौंबो किट कहा जाता है।
S -Gene टारगेट फेलियर क्या है (SGTF)?
ThermoFisher Scientific ने अपनी वेबसाइट के जरिए यह बात साफ तौर पर कही है कि ओमीक्रोन वेरिएंट में 60 से 70 S-Gene म्यूटेशन हो चुके हैं। पहला म्यूटेशन अल्फा वेरिएंट में देखा गया है। इस बदलाव में S जीन गायब हो चुका है। S जीन का नहीं होना कोविड नेगेटिव रिपोर्ट नहीं है। यह कोविड-19 का नया म्यूटेशन है जिसमें S जींस सीक्वेंस गायब है और बाकी चीजें वैसे ही हैं।
इसी दौरान भारत में महाराष्ट्र स्टेट गवर्नमेंट ने भी इस टेस्ट की शुरुआत की। उन्होंने RT-PCR lab को डायरेक्शन दिया कि इस S-gene ड्रॉप डिटेक्शन किट का इस्तेमाल ओमीक्रोन के डिटेक्शन के लिए किया जाए। यह बात तो तय है कि कोविड-19 के ओमीक्रोन वैरीअंट में Sजीन मौजूद नहीं होता है।
ओमीक्रोन इंफेक्शन के लक्षण
कोविड-19 के जिन पेशेंट में यह वैरीअंट देखा गया है यह पाया गया कि उनमें बहुत ज्यादा कमजोरी आती है। लेकिन वो बिना हॉस्पिटलाइज्ड हुए भी रिकवर कर लेते हैं। उनमें गले में खराश, बहुत ज्यादा थकान, हल्का फीवर जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। बोस्टवाना हेल्थ केयर सेंटर के सीनियर ने बताया कि आज 19 केस में से 16 ओमीक्रोन कोरोनावायरस वैरीअंट डिटेक्ट किया गया है। जिनके लक्षण कुछ इसी तरह के थे। यह भी बताया गया कि 19 लोग जो ओमीक्रोन वैरीअंट से जूझ रहे हैं उनका रिपोर्ट कोविड- नेगेटिव आता है। वहीं पर 16 लोगों में कुछ खास लक्षण दिखाई नहीं देते और एक दो लोगों में थोड़े बहुत लक्षण दिखाई दिए हैं।
ओमीक्रोन इन्फेक्शन के प्रमुख लक्षण:
- गले में खराश, शरीर में दर्द, सर दर्द
- तेज बुखार
- लगातार खांसी आना
- स्वाद और सुगंध की क्षमता का खत्म होना
कोविड-19 के दूसरे स्ट्रेंन की तरह ही ओमीक्रोन वैरीअंट भी खतरनाक हो सकता है और इससे भी मृत्यु हो सकती हैं। इसलिए इसका प्रॉपर इलाज जरूरी है।