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Expressing sympathy and solidarity with the family members of the deceased farmers, the Chief Minister handed over the appointment letters for government jobs.

मुख्यमंत्री ने मृतक किसानों के पारिवारिक सदस्यों के साथहमदर्दी और एकजुटता प्रकट करते हुए सरकारी नौकरी के लिएनियुक्ति पत्र सौंपे

काले कृषि कानूनों के खि़लाफ़ संघर्ष के दौरान जान गंवा चुके हैंयह किसान और खेत मज़दूर

बठिंडा, 26 सितम्बर (लखविंदर सिंह गंगा)

काले कृषि कानूनों के खि़लाफ़ संघर्ष के दौरानअपनी जान गंवा चुके किसानों के परिवारों के साथ एकजुटताप्रकट करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री . चरणजीत सिंह चन्नी नेआज इन पीडि़त परिवारों के वारिसों को सरकारी नौकरियों केलिए नियुक्ति पत्र सौंपे।

                मुख्यमंत्री आज उप मुख्यमंत्री . सुखजिन्दर सिंहरंधावा के साथ बठिंडा जि़ले में गाँव मंडी कलाँ में मृतक खेतमज़दूर . सुखपाल सिंह (30) के घर गए और उसके बड़े भाई. नत्था सिंह को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा।

                बताने योग्य है कि सुखपाल सिंह जो टिकरी बॉर्डरपर धरने के दौरान बीमार हो गया था, पी.जी.आई. में उपचाराधीनभी रहा था। 31 मार्च, 2021 को सुखपाल सिंह का निधन होगया था।

                इस परोपकारी कदम के लिए मुख्यमंत्री काधन्यवाद करते हुए नत्था सिंह ने बताया कि पंजाब सरकार द्वाराकिए गए ऐलान के अंतर्गत भोग पर परिवार को पाँच लाख रुपएकी वित्तीय सहायता दी गई थी और इस राशि को वह अपने ख़स्ताहाल घर के पुनर्निर्माण पर ख़र्च कर रहे हैं।

                इसी तरह मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री, दोनों नेबठिंडा जि़ले की रामपुरा तहसील के गाँव चौके . गुरमेल सिंहको भी नियुक्ति पत्र सौंपा, जिनके अकेले पुत्र जशनप्रीत सिंह(18) की इसी साल 2 जनवरी को टिकरी बॉर्डर पर मौत हो गईथी।

                पीडि़त परिवार के सदस्यों के साथ जज़्बात साझेकरते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उनको संकट कीघड़ी में से बाहर निकालने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इनकिसानों और खेत कामगारों ने कठोर कृषि कानूनों के खि़लाफ़लड़ाई के दौरान अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए प्राण तककुर्बान कर दिए। श्री चन्नी ने कहा कि यह कितनी शर्मनाक बात हैकि मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण भारत कोखाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने वाले राज्य के मेहनती किसानआज सडक़ों पर हैं।

                मुख्यमंत्री ने दुख प्रकट किया कि केंद्र सरकार केउदासीन व्यवहार के कारण कई किसानों की कीमती जानें चलीगई हैं। हालाँकि, उन्होंने कहा कि किसानों के कीमती योगदान कोसमझते हुए पंजाब सरकार ने मृतक किसानों के वारिसों कोसरकारी नौकरियाँ देने का फ़ैसला किया था और यह वादा अबउनकी तरफ से पूरा किया जा रहा है। . चन्नी ने किसानों कोभरोसा दिलाया कि मुश्किल की इस घड़ी में उनके कल्याण केलिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।

                किसान विरोधी कानूनों का विरोध करने के लिएअपनी सरकार की दृढ़ वचनबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री नेकहा कि वह इन कानूनों को राज्य में लागू नहीं होने देंगे। उन्होंनेकहा कि पंजाब विधान सभा पहले ही इन कानूनों को रद्द कर चुकीहै, क्योंकि मुख्य तौर पर इनका उद्देश्य सिफऱ् बड़े उद्योगपतियोंऔर कॉर्पोरेट घरानों के स्वार्थी हितों की पूर्ति के लिए किसानों कोबर्बाद करना है। . चन्नी ने कहा कि यह किसानों की सरकार हैऔर उनके हितों की रक्षा के लिए हर हाल में उनके साथ खड़ीरहेगी।