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1 lakh saplings will be planted in the state by the State Legal Services Authority. The District Service Authority will set up 3500 plants

चिकित्सीय अपशिष्ट  का निस्तारण नही करने पर होगी कार्यवाही

चिकित्सीय अपशिष्ट  का निस्तारण नही करने पर होगी कार्यवाही

श्रीगंगानगर, 31 जुलाई (विरेन्द्र सैनी)

जिले में संचालित विभिन्न चिकित्सीय संस्थानों को उत्पन्न होने वाले चिकित्सीय अपशिष्ट का विधिवत निस्पादन करना आवश्यक है। माननीय उच्चतम न्यायालय एवं ग्रीन ट्रिब्युनल के निर्देशानुसार मानव जीवन के लिये खतरा चिकित्सीय बायोवेस्ट का काॅमन ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से निस्पादन किया जाये। ऐसे संस्थान जो चिकित्सा अपशिष्ट का विधिवत निस्तारण नही करते है, उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. गिरधारी लाल मेहरड़ा  ने बताया कि जिले के कई चिकित्सीय संस्थान अभी भी निर्देशों का उल्लंघन कर पर्यावरण को  प्रदूषित कर रहे है, जो राज्य सरकार के निर्देशों व माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की अवह्ेलना है। चिकित्सीय अपशिष्ट जनहित से जुड़ा बेहद संवेदनशील विषय है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कोरोना महामारी के समय संक्रमण का खतरा बना हुआ है, ऐसे में यह चिकित्सीय अपशिष्ट आमजन के लिये खतरा है। चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि रायसिंहनगर में चार चिकित्सीय संस्थान, घडसाना में 10, अनूपगढ में 8, विजयनगर में 16, पदमपुर में 8, गजसिंहपुर में 5 तथा सादुलशहर में 6 चिकित्सीय संस्थानों के अलावा कई अन्य चिकित्सीय संस्थान खतरनाक अपशिष्ट का सीटीएफ के माध्यम से निस्पादन नही करते है। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सीय संस्थान माननीय उच्चतम न्यायालय तथा ग्रीन ट्रिब्युनल के निर्देशानुसार उत्पन्न होने वाले अपशिष्ट का सीटीएफ के माध्यम से निस्पादन करवावें, अन्यथा संबंधित के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही के साथ-साथ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कार्यवाही की जायेगी।