कोरोना कोरोना कुछ तो करो ना।
लेखक-लक्ष्मी शर्मा
कोरोना कोरोना कुछ तो करो ना। अरे भाई क्या करे इस बीमारी का यह चाइनीज लोग वैसे तो
सारा समान घटिया बनाते है। जो दो दिन भी नहीं चलता और बीमारी बिल्कुल असली वाली बना दी हे राम।
कोरोना का बीज चीन में बोया गया था ,पर देखा जाये तो चीन द्वारा बोये गए इस बीज की फसल को आज पूरी दुनिया काट रही है। यह बीमारी की फसल उस जल-बूटी की तरह है जिसे जितना भी काटा जाये वह उतनी ही तेज़ी से फैलती है। चाहे इस बीमारी की दवाई बन ही क्यों न जाए, पर जो बीमारी इस कलयुग समाज में बन गयी उस का लगभग खत्म होना नामुमकिन होता है, चाहे वह मलेरिया हो या डेंगू या प्लेग जैसी बीमारी हो। वैसे ही कोरोना की बीमारी भी कुछ ऐसी ही है।
यह बीमारी आज चाहे जैसा भी जानलेवा रूप धार रही है परन्तु आगे जाकर ये बीमारी भी आम बिमारिओ जैसी ही साधारण हो जाएगी जैसी की बाकि सब है। चाहे इस बीमारी का बीज चीन में क्यों न बोया गया हो पर यह कहना गलत नही होगा की आज उस बीज की फसल को पूरी दुनिया काट रही है। शायद इसे ही कुदरत का कहर कहते है। कुदरत ने भी आखिर बता ही दिया है। वह जब तक बर्दाश्त कर सकती है तब तक ही बर्दाश्त करेगी अगर उसे क्रोध आया तो वह इतनी क्षमता रखती है की पूरी दुनिया को बर्बाद कर सकती है।
“बोये पेड़ बाबुल का तो आम कहा से होये “देखा जाये एक लकड़हारा भरी गर्मी में अपने परिवार का पेट पालने के लिए लकडिया काटता है, पर उसे गर्मी से राहत के लिए भी एक पेड़ की छाया चाहिए । सोचने वाली बात है कि जो पेड़ हमे ऑक्सीजन देता है अगर हम वही पेड़ काट देंगे तो हमे ऑक्सीजन कहा से मिलेगी वैसी ही कोरोना की ये महामारी है।
अब अगर लोग चमगादड़ खाना शुरू कर देंगे तो कुदरत भी अपना विकराल रूप दिखाएगी। वैसे एक सोचने वाली बात है चाइनीस मॉल तो 2 दिन भी नहीं चलता और चाइनीस बीमारी इतने दिन चलि।।। इन लोगो ने प्रोग्रेस भी की तो बीमारी असली बना दी ,अरे बनाना ही था तो चाइनीस सामान को असली बनाते कम से कम।
चलिए अब जो होना था सो तो हो गया। आशा करते है की आगे सब ठीक हो जाये और जन जीवन पहले जैसा हो जाए।। वैसे कोरोना की बीमारी के कुछ नुक्सान तो कुछ फायदे भी हुए है।। कह सकते है जो होता है अच्छा के लिए होता है भगवान जी की मर्जि।।।। धन्यवाद
विरेन्द्र सैनी 7009801136